मृदा परिक्षण: मृदा की सुरक्षा (soil test)


मिट्टी का नमूना कैसे लें?

मिट्टी जाँच हेतु नमूना सही ढंग से लें क्योंकि थोड़ी से भी असावधानी से मिट्टी की सिफारिश का पूर्ण लाभ नहीं हो सकता ह। खेत से मिट्टी का नमूना लेने कि सही विधि यह है कि जिस खेत से आपको नमूना लेना हो उसे भली-भांति देख लें कि खेत कि मिट्टी में रंग, भारीपन, पौधे की लम्बाई उपज या और कुछ कारण से भिन्नता तो नही। यदि भिन्नता हो तो हर क्षेत्र से ५-६ भिन्न स्थान से १५-२० सेंटीमीटर या एक बिस्ता गहराई तक मिट्टी का नमूना लें। मिट्टी का नमूना लेने के लिए खुरपी या कुदाली से V आकार का एक बिस्ता गहरा गड्डा खोदें। गड्डे के अंदर की सब मिट्टी निकाल दें तथा खुरपी से दो अंगुल मोटा परत ऊपर से नीचे तक खुरच लें और एक साफ कागज में जमा कर लें, इस प्रकार कई स्थानों से जमा की गई मिट्टी को अच्छी प्रकार मिलाकर छाया में सुखा लें और आधा किलो मिट्टी का नमूना थैली में भर दें।

हमारे पौधे फेसबुक पर

फलों के पेड़ (बगीचे) लगाने के लिए –
> दो हेक्टेयर के बीच एक मीटर गड्डा खोदें, जिसका एक दीवार सीधा हो।
>अब सीधी दीवार पर 15, 30, 40, और 100 सें.मी. पर निशान लगायें।
>अब एक बाल्टी को 15 सें.मी. पर निशान लगाये पर रखें तथा खुरपी की सहायता से ऊपर से लेकर इस निशान तक मिट्टी की मोटी परत खुरच कर बाल्टी में रख लें।
>इस प्रकार चारों गहराइयों से नमूना लेकर छाया में सुखाकर जाँच हेतु भेजें।
>तीन सूचना पत्र बनायें। एक सूचना पत्र सावधानी से कपड़ें कि थैली में भर दें, तीसरा अपने पास रखें।

>सूचना पत्र के साथ नीचे लिखी सूचनाएं भेजें।

(1) किसान का नाम, ग्राम, डाकघर, जिला एवं प्लाट नम्बर

(2) खेत की स्थिति – नीची, मध्यम नीची (दोन 2, दोन 3, टांड 2,3)

(3) गाँव का नाम

(4) नमूना इकट्ठा करने की तिथि

(5) मिट्टी की किस्में – केवाल, बालुआही।

(6) कौन सी फसल लगाना चाहते हैं, खरीफ में रबी में, एवं गर्मी में,

(7) खेत में सिंचाई की सुविधा है या नहीं।

(8) खेत में पिछले तीन वर्षों में कौन सी खाद कितनी मात्रा में डाली गई है।

(9) खेत में पिछले वर्ष उपजाई गयी फसलों की औसत उपज।

मुझे फेसबुक पर जोड़ें

सावधानी

● फसल अगर कतारों में बोई गयी हो तो कतारों के बीच की जगह मिट्टी न लें।

● असामान्य स्थान, जैसे सिंचाई की नालियाँ, दल-दली जगह, पुरानीं मेढ़ एवं पेड़ के निकट खाद के ढेर से नमूना न लें।

● खेत में हरी खाद, कम्पोस्ट तथा रासायनिक खाद डालने के तुरंत बाद मिट्टी का नमूना न लें।

● मिट्टी का नमूना खाद के बोरे या खाद की थैली में कभी न रखें।

● खेत से नमूना खेत की गीली अवस्था में न लें। खेत की मिट्टी की जाँच तीन साल में एक बार अवश्य करवाएं।

● सिंचाई की नालियाँ, दलदली जगह, पेड़ के निकट, पुराना से या जिस जगह खाद रखी गयी हो वहाँ का नमूना न लें।

● सूचना पत्र को पेन्सिल से लिखें। आप सूचना पत्र की नक़ल अपने पास में रखें क्योंकि मिट्टी जाँच की रिपोर्ट मिलने पर आपको सही मालूम होगा कि खेत में कौन सी फसल लेनी है तथा कितनी खाद या कितना चूना डालना है।

साभार:- इन्टरनेट
NOTE:- दोस्तों आपको हमारी पोस्ट कैसी लगती है ये जरुर बताएं अगर आपको हमारी पोस्ट में कोई कमी लगती हो तो वो भी बताएं जिससे कि हम इसमें सुधार कर सकें और आप तक और अधिक रुचिकर जानकारियां पहुंचा सकें।
इस साईट को प्रत्येक व्यक्ति तक पहुँचाने में हमारी मदद करें जिससे कि अधिक से अधिक लोगों को पौधे लगाने के लिए प्रेरित कर सकें।
मृदा परिक्षण: मृदा की सुरक्षा (soil test) मृदा परिक्षण: मृदा की सुरक्षा (soil test) Reviewed by Mukesh kumar Pareek on 5/01/2016 Rating: 5

3 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

भेजने का पता तो नहीं लिखा आपने

Mukesh kumar Pareek ने कहा…

सर मिट्टी का नमूना अपने क्षेत्र के कृषि पर्यवेक्षक को दिया जाता है। या फिर अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र पर दिया जाता है जहाँ से 3से 7 दिन में परिणाम आ जाता है।

Sagar ने कहा…

Wow such great and effective guide
Thanks for sharing such valuable information with us.
BhojpuriSong.in

Blogger द्वारा संचालित.